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Monsoon Marvel: Delhi Prepares for Groundbreaking Artificial Rain to Wash Away Pollution This July

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NEW DELHI – June 29, 2025 – As the monsoon season approaches, the bustling capital of India, Delhi, is bracing for a different kind of downpour – one meticulously engineered to combat its persistent battle with air pollution. In a move that could redefine urban environmental management, authorities are poised to implement a groundbreaking initiative: artificial rain through cloud seeding, beginning this July. This marks a significant "discovery" in the fight for cleaner air, offering a beacon of hope to millions.

For years, Delhi has grappled with alarming levels of air pollution, particularly during the post-monsoon and winter months, making headlines globally for its hazardous air quality. Despite numerous efforts, a sustainable solution has remained elusive. Now, a consortium of scientists and environmental experts, in collaboration with leading technical institutions like IIT Kanpur, is pioneering a bold new chapter.

The Science of a Cleaner Sky

The core of this innovative approach lies in cloud seeding, a meteorological technique that involves introducing substances such as silver iodide, potassium iodide, or dry ice into clouds. These agents act as condensation nuclei, encouraging the formation of ice crystals or water droplets, which then precipitate as rain. The aim is not merely to induce rainfall, but to leverage it as a powerful natural cleaner, capable of scrubbing the atmosphere of harmful particulate matter (PM2.5 and PM10) and other pollutants.

"This isn't just about making it rain; it's about a targeted scientific intervention to improve public health and environmental quality," explained Dr. Rohan Mehra, a senior atmospheric scientist involved in the project. "We've conducted extensive meteorological analyses, identifying specific cloud types and atmospheric conditions over Delhi that are most conducive to successful seeding. This systematic approach is a testament to the evolving 'discovery' of how we can harness science for environmental remediation."

A Breath of Fresh Air for the Capital

The pilot project is scheduled to commence in the first half of July, contingent on optimal weather patterns. If successful, even a few strategically induced rain showers could provide substantial relief from the choking smog that often blankets the city, improving visibility and, more importantly, the respiratory health of its citizens.

This initiative comes as part of Delhi's comprehensive Air Pollution Mitigation Plan 2025, which also includes stricter vehicular norms, enhanced dust control measures, and a massive tree plantation drive. The introduction of artificial rain is seen as a high-impact supplementary measure, showcasing a proactive embrace of advanced scientific solutions.

While the long-term effectiveness and scalability of artificial rain will be closely monitored, the sense of anticipation is high. This bold experiment by Delhi could set a powerful precedent, not just for other Indian cities battling similar environmental crises, but for urban centers worldwide. As the world watches, Delhi is on the cusp of an exciting environmental "discovery," seeking to demonstrate that with innovation and determination, cleaner skies are not just a dream, but a tangible reality.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ा तनाव

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भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। इसकी वजह है भारत द्वारा हाल ही में चलाया गया एक सैन्य अभियान, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' कहा गया। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान सीमा के पार आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।

भारतीय सेना के अनुसार, यह ऑपरेशन एक विशेष मिशन था जिसमें उन आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया जो भारत पर हमले की योजना बना रहे थे। सेना का कहना है कि यह कार्रवाई सटीक और सफल रही। देशभर में लोगों ने भारतीय सेना और सरकार की इस कड़ी कार्रवाई की सराहना की है।

वहीं पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन का कड़ा विरोध किया है। पाकिस्तान की सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे हमले दोबारा हुए तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। इस बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है।

सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। कई जगहों पर स्कूल और बाजार एहतियातन बंद कर दिए गए हैं।

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर (गोलीबारी बंद) का श्रेय उन्हें जाता है। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने दोनों देशों के बीच शांति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हालांकि, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से सीधे बातचीत के जरिए शांति की दिशा में कदम बढ़ाया और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।

फिलहाल, दोनों देशों के बीच माहौल बहुत नाजुक बना हुआ है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि यह तनाव किसी बड़े टकराव में न बदले। सरकार और सेना स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

एक ही सपना – विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड बनना है": सोशल मीडिया पर वायरल हुआ अनोखा ट्रेंड

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सोशल मीडिया की दुनिया में हर दिन कुछ नया वायरल होता है, लेकिन इस बार एक ऐसा वीडियो और ट्रेंड वायरल हो गया है, जिसने न सिर्फ लोगों को हँसाया, बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर दिया है। वायरल वीडियो में एक युवक बड़े गर्व से कहता है – "एक ही सपना है – विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड बनना है।" यह लाइन इंटरनेट पर आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते एक जबरदस्त मीम ट्रेंड बन गया।

इस ट्रेंड की शुरुआत एक साधारण वीडियो से हुई थी, जिसमें एक युवा लड़का अपने जीवन का लक्ष्य बताता है – विशाल मेगा मार्ट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पाना। इस सरल लेकिन मजेदार बयान को लोगों ने मीम्स और सटायर के ज़रिए इतना वायरल कर दिया कि यह देशभर के युवाओं की चर्चा का विषय बन गया।

सोशल मीडिया पर बाढ़

ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर इस ट्रेंड से जुड़े हज़ारों मीम्स शेयर किए जा रहे हैं। कई यूज़र्स ने तो इसे UPSC, JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के स्तर की नौकरी बता डाला। कुछ ने लिखा – "सपने बड़े रखो, जैसे – विशाल मेगा मार्ट का सिक्योरिटी गार्ड बनना।" वहीं कुछ रचनात्मक यूज़र्स ने कोचिंग क्लासेस, मॉक इंटरव्यू और टॉपर की स्ट्रेटेजी जैसे मजाकिया वीडियो बना डाले।

मजाक में छुपा समाज का सच

जहाँ एक ओर यह ट्रेंड देखने में बेहद मजेदार है, वहीं दूसरी ओर यह हमारे समाज की बेरोज़गारी और नौकरी की किल्लत पर व्यंग्य भी है। भारत के छोटे शहरों में आज भी ऐसी नौकरियां – जैसे कि मॉल में सिक्योरिटी गार्ड – स्थायित्व और सम्मान का प्रतीक मानी जाती हैं। यह मीम ट्रेंड उन युवाओं की वास्तविकता को उजागर करता है जो सीमित अवसरों के बीच भी किसी नौकरी के लिए अपना सब कुछ झोंक देते हैं।

ब्रांड को मिली फ्री पब्लिसिटी

विशाल मेगा मार्ट की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इतना तय है कि इस ट्रेंड से ब्रांड को जबरदस्त प्रचार मिल रहा है। लोग मजाक में सही, लेकिन विशाल मेगा मार्ट का नाम अब हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गूंज रहा है।

निष्कर्ष

यह ट्रेंड हमें यह भी याद दिलाता है कि इंटरनेट की दुनिया में कुछ भी वायरल हो सकता है – चाहे वह किसी गंभीर मुद्दे पर हो या फिर एक सिंपल सपने पर। "एक ही सपना" आज का मजाक है, कल शायद किसी के लिए प्रेरणा बन जाए।

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास — 14 साल के सुनहरे सफर का अंत

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भारत के दिग्गज बल्लेबाज और सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान कर दिया है। इस खबर ने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को भावुक कर दिया है।


कोहली ने सोशल मीडिया पर अपने बयान में लिखा

"टेस्ट क्रिकेट हमेशा मेरे दिल के सबसे करीब रहा है। भारत के लिए सफेद जर्सी पहनकर खेलना मेरे लिए गर्व की बात थी। अब समय आ गया है कि मैं टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहूं और युवाओं को आगे आने दूं।"

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विराट कोहली का टेस्ट करियर (2011-2025):


आंकड़े प्रदर्शन


कुल टेस्ट मैच - 123

कुल रन - 9,230

शतक - 30

अर्धशतक - 31

सबसे बड़ा स्कोर 254* नाबाद

कप्तान के रूप में जीत 68 मैचों में 40 जीत



कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया था। उनकी अगुवाई में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास का स्वर्णिम पल था। उन्होंने भारत को नंबर 1 टेस्ट टीम भी बनाया।

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रिटायरमेंट के कारण:


1. शारीरिक थकान और उम्र का असर — लंबे समय से खेलते हुए शरीर पर दबाव बढ़ा है।

2. निजी जीवन को प्राथमिकता — परिवार और खुद के लिए समय निकालना चाहते हैं।

3. नए खिलाड़ियों के लिए जगह बनाना — कोहली मानते हैं कि अब युवा खिलाड़ियों को आगे लाना जरूरी है।

4. सम्मानजनक विदाई लेना चाहते थे — उन्होंने अपने करियर को संतुष्टि के साथ खत्म करने का फैसला लिया।

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क्या विराट बाकी क्रिकेट खेलेंगे?


विराट ने अभी सिर्फ टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया है।

वे अभी भी वनडे और टी-20 फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे।

2025 में होने वाली ICC चैंपियंस ट्रॉफी में उनके खेलने की पूरी संभावना है।

इसके अलावा वे IPL में भी खेलते रहेंगे।

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रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे विराट?


कोहली अब अपने फिटनेस ब्रांड और वेलनेस प्रोजेक्ट्स पर फोकस कर सकते हैं।

वे आने वाले समय में मेंटोर, कोच या क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में भी भूमिका निभा सकते हैं।

हाल ही में वे धार्मिक यात्रा पर वृंदावन भी गए थे, जिससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे अपने आध्यात्मिक जीवन को भी समय देना चाहते हैं।

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एक युग का अंत


विराट कोहली सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। उनकी आक्रामकता, फिटनेस, मेहनत और कप्तानी में जोश ने भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान दी। कोहली का टेस्ट करियर खत्म हुआ है, लेकिन उनके योगदान को क्रिकेट प्रेमी कभी नहीं भूल पाएंगे।



आईआईएमसी एलुमनी मीट कनेक्शन्स लखनऊ में संपन्न

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लखनऊ.आईआईएमसी एलुम्नाई एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश चैप्टर ने शनिवार की शाम सालाना जलसा कनेक्शन्स लखनऊ का आयोजन किया। कार्यक्रम में भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई के बाद पूरे यूपी में अलग-अलग क्षेत्रों में सेवा दे रहे लोगों ने अपने अनुभव साझा किए।कर्यक्रम में इमका कनेक्शन्स 2024 की स्मारिका का विमोचन किया गया। समारोह में भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के शिव कुमार त्रिपाठी को सम्मानित किया गया।चै प्टर के अध्यक्ष मणेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष यूपी चैप्टर को दिल्ली में आयोजित ग्लोबल मीट में कनेक्टिंग चैप्टर ऑफ द ईयर का अवार्ड मिला है। समारोह को एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रसाद सान्याल, उपाध्यक्ष पूजा मिश्रा, आजीवन सदस्य प्रभाष झा, सायरा नईम, कमलेश राठौर, तरुण निशांत, पंचानन मिश्रा, प्रियंका सिंह, अर्चना सिंह, राशि लाल, रीतेश वर्मा समेत अन्य लोगों से संबोधित किया.

चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास, प्रधानमंत्री ने कहा, अब बच्चे कहेंगे चंदा मामा बस एक टूर के

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40 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर की सॉफ्ट लैंडिंग 

कड़ी उड़ान रिहर्सल के बाद 14 जुलाई को चंद्रमा पर चंद्रयान श्रृंखला का तीसरा मिशन इसरो ने लॉन्च किया था। अब 40 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 3 ने चांद के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। 140 करोड़ भारतीयों को गौरवांवित करने का वो क्षण आखिर आ ही गया, जिसका हरेक हिन्दुस्तानी को इंतजार था। पिछली असफलता को पीछे छोड़ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने इस बार चांद को मुट्ठी में करने की अपनी कसम को पूरी कर ली। चांद की मिट्टी को चूमने के लिए चंद्रयान 3 शान से उतर गया है। कड़ी उड़ान रिहर्सल के बाद 14 जुलाई को चंद्रमा पर चंद्रयान श्रृंखला का तीसरा मिशन इसरो ने लॉन्च किया था। अब 40 दिन के सफर के बाद चंद्रयान 3 ने चांद के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है। 

कैसे शुरू हुई भारत की चांद यात्रा

चंद्रमा पर  जाने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अपनी तरह की अनूठी परियोजना अक्टूबर 2008 में लॉन्च की गई थी। जिसमें एक चंद्र आॅर्बिटर और एक इम्पैक्टर शामिल था। चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद, मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईबी) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के शेकलटन क्रेटर के पास जानबूझकर क्रैश लैंडिंग की। प्रभाव स्थल का नाम जवाहर पॉइंट रखा गया। 386 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ परियोजना के लिए कुछ उपकरणों की आपूर्ति नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) और ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) जैसी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा की गई थी।

चंद्रयान 3 में किए गए वो बदलाव जिसने दिया ये रिजल्ट

चंद्रयान-2 से मिले सबक को सीखकर इसरो ने चंद्रयान-3 के साथ आगे अपने कदम बढ़ाए। चंद्रयान-3 मिशन के लिए प्रणोदन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फिगरेशन को तब तक ले जाएगा जब तक कि अंतरिक्ष यान 100 किमी चंद्र कक्षा में न हो जाए। उसके बाद, लैंडर अलग हो गया और मंजिÞनस क्रेटर के पास सॉफ्ट लैंडिंग का लक्ष्य रखा।  खतरों का पता लगाकर मशीनरी को सुरक्षित रखने में मदद करने के साथ ही चंद्रयान-3 को कई उन्नत तकनीकों के साथ डिजाइन किया गया। लैंडिंग पैरों को और मजबूत किया गया है, जिससे सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास आसान हो जाए।

 14 दिनों तक रिसर्च करेगा प्रज्ञान

लैंडर विक्रम ने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिग की है। अब रोवर प्रज्ञान बाहर निकलकर 14 दिनों तक रिसर्च करेगा। लैंडर के अंदर से रोवर 1 सेंटीमीटर/सेकेंड की रफ्तार से लैंडर से बाहर निकलेगा। इसे निकलने में 4 घंटे लगेंगे। बाहर आने के बाद ये चांद की सतह पर 500 मीटर तक चलेगा। ये चंद्रमा पर 1 दिन (पृथ्वी के 14 दिन) काम करेगा।  

बैतूल जिला शहर युवक कांग्रेस ने किया मंदिर मे हनुमान चलीसा का पाठ कि बजरंग दल के नेतृत्व को प्रभु हनुमान सद्बुद्धि देवे

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टुडे वार्ता बैतूल 

योगेश गुप्ता ✍🏻

 8305413100

युवक कांग्रेस अध्यक्ष श्री पारधी ने कहा केंद्र मे भाजपा कि सरकार होने का मतलब देश मे आतंक  हिंसा और दहशत फैलाना सही नही

बैतूल . कर्नाटक चुनाव  मे कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र मे बजरंग दल को बेन किये जाने  की बात लिखी जिस पर भाजपा को जैसे अपनी राजनैतिक रोटी सेकने का मौका मिल गया पुरे देश मे दोनो दल अपनी अपनी दलील देने मे लगे है नवनियुक्त युवा नेतृत्व जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष विजय पारधी ने कांग्रेस जनो लेकर आमला विधान सभा के अंतर्गत हनुमान मंदिर पहुंचे और परिसर मे बैठकर ढोलक मंजीरे  बजाकर प्रभु हनुमान  चलीसा का पाठ किया आरती उतारी जिला अध्यक्ष श्री पारधी ने बताया की भाजपा के शीर्ष नेताओ के इशारे पर जिला कांग्रेस कमेटी  जबलपुर कार्यलय मे  बजरंगी भाईयो द्वारा    गलत नारे बाजी करके गुंडा गर्दी तरीके से तोड़ फोड़ भी की गई छति पहुंचाई गई है .भगवान दल को बजरंग बली के नाम की लाज रखने के लिए सद्बुद्धि प्रदान करे घटना का विरोध करते कहा कि केंद्र मे भाजपा की सरकार होने का मतलब देश मे हिंसा  औऱ दहशत फैलाना नही है . वही जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष छन्नू बेले ने कहा भाजपा बजरंग दल संगठन का उपयोग सिर्फ देश मे हिन्दुओ के मन मे नफरत और आतंक का भय फैलाने के लिए करती है . श्री बेले ने ऐसे दल को केवल षड़यंत्र रूपी संगठन बताया है . मंदिर परिसर मे प्रमुख रूप से सुभाष देशमुख किसन सजने अकरम खान रामकिशोर पुंडे रोहित बामने कमल पाल नितिन चौहान सुभम राठौर नकुल चौहान संतोष पाल तेजेश पुंडे नंदकिशोर पुण्डे पवन महाराज विकाश पुडे कपिल पुण्डे राहुल पुण्डे प्रेमलाल यादव लक्की बागियर, रोशन सहित  अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे .

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